रविवार, 28 मई 2017

साहित्य और समाज सेवा कर रही है डॉ. संध्या चौरसिया - अकरम हुसैन क़ादरी

साहित्य और समाज सेवा कर रही है डॉ. संध्या चौरसिया - अकरम हुसैन क़ादरी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हिन्दी विभाग की पूर्व शोधार्थी डॉ. संध्या चौरसिया आजकल साहित्य सेवा के साथ साथ समाज सेवा भी कर रही है। पिछले दिनों उनका महत्त्वपूर्ण और विविधतापूर्ण आलेख अंतरराष्ट्रीय पत्रिका "विभोभ स्वर" में छपा उसके अलावा जिला अलीगढ़ में अनेक साथियों की मदद से आजकल गरीबो, बेसहारो, मज़लूमो के पेट की भूख मिटा रही है जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भले ही देश मे भूख से मरने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही हो, लेकिन देश के पढ़े लिखे समझदार लोग इसको मिटाने के लिए प्रयासरत है, दरअसल साहित्यकार ही सही शब्दो मे समाज के दर्द और मजबूरी को समझता भी है जिसके लिए संध्या चौरसिया ने साहित्य और समाज की सही शब्दो मे व्याख्या करने की कोशिश की है जो सच्चा साहित्यकार है वो ही सच्चा मानवतावादी भी होगा। जबकि देश मे मानवता, भाईचारे, एकता में बट्टा लगता नज़र आ रहा है लेकिन अलीगढ़ इस मुश्किल घड़ी में भी सभी धर्मों के लोगो को इस पावन महीने में रोटी और सब्जी के पैकेट बांट रहा है जिससे समाज मे एकता, विश्वबंधुता, भाईचारे का माहौल बनाने में भी एक अच्छी पहल हो रही है।
रोटी बैंक के कार्यकर्ता दरअसल शहर के अनेक घरों से 2 या 4 जितनी भी हो सके रोटियां इकट्ठा करते है उसके बाद सब्ज़ी बनवा कर शहर के अनेक गरीब , झुग्गी, झोपड़ी वाले इलाकों में बांटते है, हम सभी मानवतावादी लोग डॉ. संध्या चौरसिया और उनकी टीम को इस पुण्य कार्य के लिए शुभकामनाये देते है और अपेक्षा करते है कि वो ऐसे ही साहित्य और समाज के मध्य तादात्म्य स्थापित करती रहेंगी.......

धन्यवाद डॉ. संध्या चौरसिया.......

#अकरम_ हुसैन_क़ादरी