शनिवार, 30 मार्च 2019

पीलीभीत की पुकार हेमराज वर्मा क्यों- अकरम क़ादरी

पीलीभीत की पुकार हेमराज वर्मा क्यों - अकरम क़ादरी

2019 लोकसभा की जबसे सुगबुगाहट शुरू हुई है तबसे पीलीभीत की जनता में हेमराज वर्मा का विश्लेषण शुरू हो चुका है क्योंकि ज़िले के अंदर यही एक ऐसा कद्दावर नेता है जो विधायक का चुनाव बसपा से हारने के बाद फिर सपा से चुनाव जीतने के बाद, दोबारा चुनाव हारने के बाद भी कभी भी दुबककर नही बैठा जबकि अमूमन पीलीभीत में होता यह है कि चुनाव के छः महीने के आसापास ही नेता कलफ वाला कुर्ता पहनकर जनता के बीच मे मडराने लगते है लेकिन यह एक ऐसा नेता है जो विधानसभा हारने के बाद भी जनता के द्वार पर जाता रहा, उनके दुःख-सुख में बराबर का भागी भी रहा चाहे वो मज़दूरों, किसानों को नरभक्षी शेर के मारने की घटनाएं हो या फिर किसी कृषक के बीमारी की छोटी सी घटना हो उस पर पहुंचकर हर पल साथ देने का कमिटमेंट पीलीभीत की जनता को रास आ रहा है जब हेमराज वर्मा किसी कारणवश ज़िले में मौजूद नही होते है तो उनके भाई ब्लॉक प्रमुख अरुण वर्मा मोर्चा संभालते है और गरीब मजदूर जनता के काम को तल्लीनता से अंज़ाम देते है।
आखिरकार पीलीभीत की जनता के सामने यह बड़ा प्रश्न है इतना सबकुछ करने के बाद भी हम हेमराज वर्मा को क्यों पीलीभीत का सांसद चुने आखिर ऐसी क्या वजह है जिन लोगो ने इस सेवक को कार्य करते देखा होगा वो तो परिचित ही है फिर भी उनके ज्ञानवर्धन के लिए कुछ मुख्य कार्य बता देता हूँ कि उन्होंने अपनी विधायकनिधि के माध्यम से मझोला से डुनिडाम रोड, मझोला से भिखारीपुर रोड, गुप्ता कालोनी से नहर और बीसलपुर, बरखेड़ा तक का रोड, पीलीभीत गोहानियाँ चौराहे से माला कालोनी तक का रोड, बरखेड़ा में जीटीआई कॉलेज का निर्माण, 50 बेड का हॉस्पिटल तथा पीलीभीत से मझोला तक रोड का चौड़ीकरण का काम कराया, उसके अलावा बहुत ऐसे छोटे-छोटे काम है जिनको बताना शायद सम्भव नही है लेकिन जनता जानती है
हेमराज वर्मा ज़िला पीलीभीत का एक ऐसा व्यक्तित्त्व है जो युवाओं का चहेता तो है ही उसने कभी हिन्दू-मुस्लिम में भेदभाव नही किया कभी ऐसे भाषण नही दिए जिससे सामाजिक तानाबाना टूटे और नफरत की राजनीति करके वो आगे बढ़ जाये,
पीलीभीत की जनता को अब सोचना यह है कि जो लोग बाहर से आकर यहां चुनाव लड़ते है फिर अपने घर चले जाते है उनको चुनना है या फिर एक सामाजिक कार्यकर्ता, युवा जोश और किसानों के सच्चे मसीहा को चुनना है जो आपके बीच चौबीस घण्टे, सात दिन मौजूद है....लोकतंत्र में जनता हमेशा राजा होती है और उसके बनाये प्रतिनिधि उनकी भावनाओं को समझते है जबकि गन्ना किसानों की घटनाएं पूरे देश मे वायरल हुई थी जो बहुत ही पीड़ाजनक भी था, पिछले वर्ष जो कुपोषित बच्चो की रिपोर्ट आई थी उसमे पीलीभीत पहले स्थान पर था यह सबसे ज्यादा शर्मनाक बात थी, क्योंकि वो जिला जिसकी प्राकृतिक सम्पदा इतनी विशाल है जिसमे उत्तर-प्रदेश का सबसे अच्छा आयुर्वेदिक कॉलेज है वहां के बच्चे कुपोषित हो रहे है यह सब सोचने समझने के मुद्दे है ...जनता को झूठे, खोखले, वादों से बचकर, असली विकास, रोज़गार, किसानों की खुशहाली के लिए वोट करना होगा

जय हिंद
अकरम हुसैन
पॉलिटिकल एनालिस्ट