रविवार, 23 अप्रैल 2017

देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री देने का श्रेय अगर किसी प्रदेश को है तो वो उत्तर प्रदेश को ही है जिसने अपने शहरो से प्रधानमंत्री जिताकर दिल्ली की सत्ता में बैठाए है।  लगभग 17 साल पहले जिस नेता ने अपने जादू से देश के हीरा व्यापारी राज्य गुजरात से मुख्यमंत्री बनने का ख़्वाब देखा था जब उसको अपने प्रधानमंत्री बनने के सपने को पूरा करना होता है तो वो श्रद्धा और आस्था के शहर उत्तर प्रदेश के काशी में आता है रिकॉर्ड वोट से जीतकर दिल्ली पर काबिज़ हो जाता है।
कांग्रेस के बुरे हालात और परफॉर्मेन्स को देखते हुए किसी भी विद्वान और राजनैतिक एनिमल को नही लगता है कि कांग्रेस फिर से दिल्ली की सत्ता तक पहुँच पाएगी जबकि आजकल पोलिटिकल एनिमलस को महसूस हो रहा है कि कहीं न कहीं मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ 2019 तक पहुँचते पहुँचते कम हो जाएगा और योगी आदित्यनाथ एक मज़बूत कैंडिडेट के रूप में नज़र आएंगे उनको देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के लिए बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद और हिन्दू महासभा ने काफी जोर लगाया उसके बाद उनकी खुद की सेना हिन्दू दुर्गा वाहिनी का भी सहयोग उनके साथ पहले से ही था।फिर काफी मंथन करने के बाद योगी को उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने अपनी पार्टी के विधायक दल की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया और जैसे ही आनन फानन में योगी जी ने शपथ लेने से ही पहले मुख्य अधिकारियो को निर्देश जारी कर दिए कि उनके समर्थक अति उत्साह में आकर कहीं राज्य की कानून व्यवस्था के खिलाफ कोई ऐसा काम ना करदे जिससे उनका प्रदेश में आने से ही पहले कुछ अशुभ ना हो जाए। शपथ लेने  से पहले ही इतनी चाकचौबंद व्यवस्था से तो लगता है कि योगी आदित्यनाथ की मंशा ज़ाहिर है वो कानून व्यवस्था के साथ कोई खिलवाड़ नही होने देंगे और “सबका साथ सबका विकास” को यथार्थ करके, प्रदेश में भृष्टाचार, ठगी, बलात्कार, बहुजनो और अल्पसंख्यको को साथ लेकर गुड गवर्नेन्स के संकेत देंगे और जो कहा है उसको करके दिखाएंगे ।
कुछ मीडिया चैनलो पर खबर चल रही है योगी जी ने दूसरे दिन ही ब्यूरोक्रेट्स को अपनी पार्टी का घोषणा पत्र थमा दिया और उनको कड़े शब्दों में कहा कि मुझे इसको पूरा करके दो बस ??? दूसरी तरफ उन्होंने इलाहाबाद के दो अवैध बूचड़खाने बन्द करवा दिए। जिससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि जिन मुद्दों पर नरेंद्र मोदी फेल नज़र आये है उन मुद्दों पर योगी आदित्यनाथ खरे नज़र आएंगे और फिर इस राज्य के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री की कुर्सी पर पहुँचने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे । जो प्रदेश, देश और भारतीय राजनीति के लिए सुनहरा पल साबित हो सकता है और कहीं ना कहीं इस देश को फिर स्वामी विवेकानंद की तर्ज पर कोई गेरुए ( केसरिया) कपड़ो में देश दुनियाँ की धरती पर रिप्रेजेंट करेगा….
अकरम हुसैन क़ादरी

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