मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

देश की वर्तमान पत्रकारिता

आजकल देश मे राजनीति के प्रचार प्रसार का सबसे सशक्त माध्यम मीडिया बन चुका है जिसमे सोशल मीडिया की भी अहम भूमिका है जिसको राजनेता अपने अपने तरीके से अपना प्रचार प्रसार करते है पहले विज्ञापन के ही समय विज्ञापन आता था लेकिन कुछ समय से न्यूज़ रूम में बैठा एंकर भी किसी भी पार्टी का प्रचार करता रहता है, या तो वो सवाल वो करता है जो सत्तारूढ़ पार्टी को लाभ पहुंचाए ओर विपक्षी को को नुकसान या तो फिर किसी ऐसी धर्मगत, जातिगत सवालो में उलझा देता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी एक पार्टी के लिए लाभकारी सिध्द होता है उदाहरण देने की आवश्यकता शायद अब बची नही है, मैन स्ट्रीम मीडिया भी ऐसे मुद्दों पर बहस कराना चाहती है जिससे समाज से सरोकार तो होता नही है लेकिन वो पार्टी के लिए लाभकारी होता है । जिस प्रकार से मीडिया का स्तर लगातार गिर रहा है उससे यह सिद्ध होता है कि किस प्रकार देश के महान पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी की परंपरा पर देश के चंद रसूखदार नेताओ ने सेंध मारी है जो आज उनके वफादार कुत्ते बने थे है और देश और मानवता के लिए कोई ऐसे सवाल ही नही करते है जिनको उनको देने में दिक्कत आये........
अगर देश को बचाना है तो गणेश शंकर विद्यार्थी को फिर से ज़िंदा करके देश के वर्तमान पत्रकारों को उनके बारे में बताना बेहद ज़रूरी है

#अकरम_हुसैन_क़ादरी

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