शनिवार, 25 अगस्त 2018

दंगाई युवा नेता बनने की ख़्वाहिश - अकरम क़ादरी

दंगाई युवा नेता बनने की ख़्वाहिश- अकरम क़ादरी

आजकल हर किसी को युवा नेता बनने और दिखने की बड़ी ख्वाहिश होती है लेकिन जो होते है वो कहते नही, जो होते नही है वो दिखने की भरपूर कोशिश भी करते है।
आजकल युवा नेता बनाना बड़ा सरल हो गया है पहले तो युवा नेता किसी भी नेता का बेटा, या फिर किसी रसूखदार बेटे का बेटा होता था, लेकिन आज तो गले मे सोने की मोटी चैन, हाथ मे पांच तरह के धागे, दो बेहतरीन बड़ी फोर व्हीलर, 10 मुसन्डे किसी को भी पीट दिया,मार दिया जब मन चाहा किसी बड़े नेता के कहने पर बत्तीमीज़ी कर दी, गरीबो की दलाली खा ली, मजदूरों को परेशान कर लिया क्योंकि इतना सब ड्रामा करने के लिए पैसे की भी ज़रूरत होती है।

लेकिन पिछले चार साल में जितने युवा नेता पैदा हुए है इतने कभी नही हुए है क्योंकि अब तो भगवा कुर्ता पहनकर किसी को भी किसी भी बहाने से पीटकर वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करके स्वयं को धर्म का रक्षक बताना है फिर कुछ दिन बाद कोई बड़ा नेता जेल से छूटने पर स्वागत करेगा और इनाम भी देगा जिससे वो किसी एक धर्म का नेता कहलाने लगेगा और सबको घूम-घूमकर अपनी कायरता के किस्से भी सुनाते घूमेगा फिर भी लोग उसकी बेवकूफी को बर्दाश्त करते रहेंगे और वो इस भोली भाली जनता पर अपना सिक्का मजबूत करता रहता है आखिर में वो एक सफेदनुमा गुण्डा या तो नेता बनता है या फिर फिरौती वसूल करता रहता है ।
आजकल जितनी भी युवा नेताओ की प्रजाति देख रहा हूँ वो किसी भी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे पर देश की किसी भाषा मे दो पेज नही लिख सकते, बनते है खुद को बहुत बड़ा हमदर्द, गरीबो का मसीहा, जबकि सच यह है कि यही वो लोग है जो कुछ राजनैतिक पार्टियों को चला रहे है और ऐसे हॄदय विदारक कुत्संग करते है जिससे सच्चे मानवतावादी  इंसान की आत्मा ही मर जाएगी....

नेता बनिए उससे पहले अपना भविष्य देखिए पहले खुद को स्टेबल कीजिये
उसके बाद नेता बनना

आजकल गांव, शहर कस्बो में भी यह युवा नेता नाम की बीमारी बहुत तेज़ बड़ रही है कोई भी गरीब लड़का अपने नाम के आगे युवा नेता लिखकर सोशल मीडिया पर फैला देता है बाद में जब वो कुछ नही कर पाता है तो लोग उसकी मज़ाक बनाते है इधर उसकी एडुकेशन भी गयी, उधर माँ- बाप की उम्मीदे भी मिट्टी में मिल गयी ऐसे में उसको केवल दुनियाँ के सामने बेइज़्ज़त होना पड़ता है फिर वो कमज़रफी का शिकार हो जाता है।
इन सब चीज़ों से बचकर पहले अपने आपको क़लम से मजबूत करो, अपने अंदर टैलेंट क्रिएट करो फिर यह पार्टी के नेता तुम्हे खुद अपने पास बुलाएंगे क्योंकि आने वाला दौर पढ़े-लिखे नेताओ का है गुण्डे, मवाली, फिरौती वसूलने वालो का दौर खत्म होने वाला है .....

पहले तालीम फिर
नोकरी
फिर पॉलिटिक्स....
जय हिंद
जय भारत


अकरम क़ादरी

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपने सही फ़रमाया। अशिक्षितों का क्या नेता होना और कैसा नेतृत्व ? यदि समय के रहते ये नहीं चेते तो इन्हें समय बता देगा कि ये यूज़ होकर यूज़लेस हो चुके हैं और तब तक वे न घर के रहेंगे और न....

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