रविवार, 13 जनवरी 2019

हेमराज वर्मा ही दे सकते है, मेनका गांधी को टक्कर- अकरम क़ादरी

हेमराज वर्मा ही दे सकते है मेनका गांधी को टक्कर- अकरम क़ादरी

चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही हर जिले में पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी को टटोलना शुरू कर दिया है, फिर उसमें जातिगत मैथमेटिक्स हो या फिर धर्मगत आंकड़ा जो भी प्रत्याशी इन आकड़ो में मजबूत नज़र आएगा पार्टी उसको ही अपना प्रत्याशी चुनेंगी।
जबसे सपा-बसपा का गठबन्धन हुआ है तब से जिला पीलीभीत के राजनीतिक हलकों में चहल-पहल शुरू हो चुकी है क्योंकि जिला पीलीभीत में ही भाजपा की कद्दावर नेता कैबिनेट मिनिस्टर लगभग पैंतीस वर्षो से एक छत राज करने वाली श्रीमती मेनका संजय गांधी को अब तक कोई भी पार्टी हरा नही पाई है जबकि मेनका गांधी जी की जीत की शुरुआत ही 2 लाख से ऊपर से होती है जोकि पिछले चुनावों के परिणामों से ही पता चलता है।
इस बार भाजपा कार्यकाल में हुए झूठे वादे, और जिले को कुपोषण में प्रथम स्थान पर रहने से और दो क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन से मेनका गांधी जी को चुनाव में काफी मुश्किल हो सकती है अगर पीलीभीत जनपद की गंठबंधन वाली सीट अगर सपा के खाते में पहुंचती है तो पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा ही सबसे अच्छे कैंडिडेट होंगे क्योंकि जिले के कद्दावर नेता हाजी रियाज़ भी सांसद का चुनाव लड़ चुके है जिनको उम्मीद से काफी कम वोट मिले थे, दूसरी तरफ बुद्धसेन वर्मा और भगवत शरण गंगवार की भी दावेदारी नज़र आ रही है लेकिन जातिगत, धर्मगत और साफ छवि, ईमानदार, कर्मठ प्रत्याशी के रूप में हेमराज वर्मा को ही टिकट मिलता है तो दिल्ली की संसद में यह सीट पक्की हो सकती है हेमराज वर्मा एक ऐसे प्रत्याशी है जिनके प्रति युवाओं में काफी जोश है वो हर धर्म, मज़हब, जाति और पिछले दिनों बाघों से मरे हुए लोगो के घर लगातार सांत्वना देने पहुंच रहे है और किसी भी परेशानी के समय जिला पीलीभीत के किसी भी व्यक्ति को अपने स्तर से हर प्रकार की मदद भी कर रहे है जिससे उनसे जिले के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक का विश्वास लगातार बढ़ रहा है दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के युवा पूर्व मुख्यमंत्री भी अखिलेश यादव अपनी पीढ़ी के नेताओ पर ज्यादा विश्वास रखते है जिस प्रकार से उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री रहते हुए युवाओं को ज्यादा मौका दिया जिससे उनकी सोच साफ झलकती है कि वो कि युवा जोश और पुराना अनुभव मिलकर अगर काम करेगा तो निश्चित ही पार्टी का जनाधार बढ़ेगा जिससे आने वाले वक्त में अखिलेश यादव प्रधानमंत्री के भी उम्मीदवार हो सकते है.....
हेमराज वर्मा ही पीलीभीत जिले के एक मात्र ऐसे नेता है जो किसी भी पार्टी कार्यकर्ता या फिर एक आम आदमी की कॉल पर तुरंत काम करते है और उसका हरसंभव साथ देने का प्रयत्न करते है, हेमराज वर्मा मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी है अगर समाजवादी पार्टी गठबंधन से हेमराज वर्मा को अपना टिकट देती तो लोधी समाज, दलित समाज, वैश्य समाज, कुर्मी समाज के अलावा ब्राह्मण समाज का भी समर्थन हासिल हो सकता है जबकि अल्पसंख्यक समाज मे मुस्लिम, ईसाई और पंजाबी अधिकतर हेमराज वर्मा को ही वोट करेगा
जय हिंद जय भारत
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अकरम हुसैन क़ादरी
पॉलिटिकल एनालिस्ट

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