सोमवार, 8 जून 2020

SC, ST और महिलाओं की तरह ट्रांसजेंडर को भी मिले राजनैतिक आरक्षण - कंचन सेंदरे

SC, ST और महिलाओं की तरह ट्रांसजेंडर को भी मिले राजनैतिक आरक्षण - कंचन सेंदरे

भारत मे आरक्षण पर लगातार बहस हो रही है सबके विचार भिन्न-भिन्न है, सबका दृष्टिकोण अलग अलग है सब अपने अपने हिसाब से एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करते है लेकिन संविधान में आरक्षण का प्रावधान है उसका लाभ लगातार उन समाज को मिल रहा है जिसके वह लायक भी है आज भी उनकी सामाजिक और राजनैतिक स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई अनेक राजनैतिक संघटनो ने इस संदर्भ में काफी बहस भी की कि किसी भी प्रकार से दलितों,पिछडो को मिलने वाला आरक्षण खत्म हो जाये जिसके कारण वर्तमान सरकार ने सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण दे दिया जिसके कारण बहुत लोगो को लाभ भी पहुंच रहा है जबकि वो सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक तौर पर पिछड़े नहीं है लेकिन वोट बैंक की पॉलिटिक्स के कारण भारत सरकार ने इस मुद्दे को भुनाने का प्रयत्न किया।
वर्तमान परिस्थितियों में अगर देखा जाए तो हम देखते है कि ट्रांसजेंडर सामाजिक और राजनैतिक तौर पर सबसे ज्यादा पिछड़े हुए है ना ही उनको शिक्षा में कोई स्थान है ना ही किसी सरकारी या गैर सरकारी नोकरी में कुछ आरक्षण मिलता है बल्कि उनको समाज बड़ी हेय दृष्टि से देखता है अजीब अजीब नामो से पुकारा जाता है, बचपन मे ही उनके परिवार द्वारा उनको छोड़ दिया जाता है उनको कोई देखने वाला नहीं था ऐसी स्थिति में उनको जीवन को यथाचित गुज़र करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है किशोरावस्था में परिवार द्वारा त्यागने की पीढ़ा को समझा जा सकता है दूसरी तरह जेण्डर के कारण समाज भी उनको नकार देता है जिसके दर्द को वो ही भलीभांति समझते है जो इन दिक्कतों का सामना करते है।
कंचन सेंदरे ने अपने जीवन की दुःखद कहानी को शेयर करते हुए कहा कि जब परिवार ने मुझे किशोरावस्था में त्यागा था तब बड़ी मुश्किलों से मुझे जीवन गुज़ारना पड़ा इधर उधर ठोकरे खाई, किन्नर समाज ने मुझे जीने का अधिकार दिया। मैंने अपने समाज की लड़ाई को लड़ने के लिए लड़को की तरह शिक्षा ग्रहण की किसी को यह एहसास नहीं होने दिया कि मैं ट्रांसजेंडर हूं बल्कि मेहनत से पढ़ाई करके मैंने समाज के सामाजिक कार्यो को तवज्जो दी विधानसभा का चुनाव लड़ा जीत हासिल नहीं कर सकी लेकिन लोगो के दिलो को जीता निर्दलीय लड़ने के बाद मैं तीसरे स्थान पर रही जबकि लोगो ने मुझे सपोर्ट भी किया और पैसा भी दिया।
वर्तमान स्थिति के अनुसार अगर ट्रांसजेंडर को विकास करना है तो राजनीति में आना है समाज से खुद को जोड़ना होगा जिससे हम समाज के और स्वयं के अधिकार ग्रहण कर सके
 जिनमें इस अवसर पर देश-विदेश के तमाम शोधकार्यकर्ता, आचार्य, सहायक आचार्य और गणमान्य लोग लाइव थे। इस अवसर पर डॉ शमा, डाॅ. विजेन्द्र, डाॅ. शमीम, डाॅ. एक.के. पाण्डेय, डाॅ. शगुफ्ता नियाज़, डाॅ. कामिल, डाॅ. आसिफ, मुनवर,
 डाॅ. लता, डाॅ. अफरोज,   अकरम हुसैन, मनीष, दीपांकर, कामिनी,   इमरान, राशिद, रिंकी, साफिया, गिरिजा भारती, अनुराग, अनवर खान, केशव बाजपेयी,  रोशनी आदि ने लाइव शो देखा।

इस कार्यक्रम को आप हमारे यूट्यूब चैनल पर भी देख और सुन सकते है

https://youtu.be/uGhDGwgP0Zw

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