बुधवार, 18 जुलाई 2018

टी.वी डिबेट की नफ़रत में मौलानाओं की ज़रूरत- अकरम क़ादरी

दोस्तो इससे पहले एक ब्लॉग लिख चुका हुं, जिसका सब्जेक्ट था 'टी. वी. डिबेट इंसानियत को खतरा'
टी. वी डिबेट में मौलानाओं का बुलाने का मक़सद बहुत साफ है कि यह मीडिया के काम को आसान करते है और शाम लगभग 5 से 10 बजे के वक़्त न्यूज़ चैनल की रंगत को बढ़ाया जाता है जहां से न्यूज़ चैनल को TRP  नाम की चिड़िया को भी पकड़ने में आसानी होती है।
आजकल जितने भी न्यूज़ चैनल है ज्यादातर की प्रतिष्ठा गिर चुकी है वो लोग एक षड्यंत्र के तहत काम कर रहे है जो किसी राजनैतिक पार्टी को एक तरफा लाभ पहुंचाने के लिए लगातार मेहनत कर रहे है । किसी भी न्यूज़ चैनल के डिबेट पैनल में एक दाढ़ी टोपी वाला व्यक्ति ज़रूर दिखेगा क्योंकि वही एक ऐसा व्यक्ति होता है जो अभद्र भाषा के साथ जुमले सुन सकता है, मौका लगने पर पिट भी सकता है और किसी भी न्यूज़ चैनल, का कुछ भी नही बिगड़ता है क्योंकि वो तो अपने षडयंत्र में भरपूर तरीके से काम कर रहे है।
पिछले दिनों एक जुमला बड़ा मशहूर हुआ था किसी बड़े संगठन के प्रवक्ता ने टी.वी डिबेट में खुलेआम कहा था 15 सेकंड में अल्पसंख्यकों को खत्म कर देंगे, दूसरी तरफ एक प्रवक्ता ने कहा था कि 'मुल्ला जी मंदिर वही बनाएंगे' इस पर सोशल मीडिया पर काफी तंज़ भी हुए थे जिसमें जवाब में कहा गया था " लेकिन डेट नही बनाएंगे"
दरअसल वर्तमान सरकार ने जितने भी वादे किए थे उन वादों में से कोई वादा पूरा नहीं किया जिसके चलते देश के शीर्षस्थ संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कहता है कि यह हिंदुओ की पार्टी है यह मुस्लिमो की, इससे उसकी मानसिकता और उसके पिछले 4 साल के कामकाज का स्तर समझ मे आता है, दूसरी पार्टी के बड़े नेता का बयान आता है कि अगर वो पार्टी सत्ता में आई तो हिन्दू पाकिस्तान बन जायेगा जिससे साफ लग रहा है जो मीडिया चाहता है वो मटेरियल हमारे नेता ईमानदारी से उपलब्ध करा रहे है जो जुमले बोले और ट्वीट किए जाते है उनपर जमकर बहस एक टोपी दाढ़ी वाले मौलाना साहब के साथ होती है जिससे माहौल खूब कम्युनल होता जाता है और तथाकथित देशभक्त पार्टी को वोट की लहलाती फसल मिल जाती है, इन टी.वी डिबेट के ही कारण नफरत इतनी फैल चुकी है कि मदर टेरेसा जैसे व्यक्तित्व से भी भारत रत्न वापस लेने की बात एक सांसद कर चुके है...भीड़ सड़क पर ही अफवाहों के चक्कर मे फैसला कर देती है, कभी कभी पुलिस मूकदर्शक बनकर देखती रहती है लेकिन मिदनापुर में जो घटना घटी है उसको भी ध्यान में रखना चाहिए। अति उत्साहित समर्थकों ने अब पुलिस को ही पीटना शुरू कर दिया है, जबकि यह पिछले 4 साल से एक धर्म विशेष के लोगो पर ही हमले कर रहे थे। यह सब घटनाएं ऐसे ही नही हो रही है बल्कि हर चौराहे पर यह टी.वी डिबेट के एंकर, प्रवक्ता, नफरत का व्यापार कर रहे है जिससे लोग किसी भी अफवाह में किसी भी को पीट दे रहे है
कल ही कि बात है कि महान मानवतावादी कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश पर भी एक पार्टी विशेष के युवाओं द्वारा एक कार्यक्रम से पहले पिटाई कर दी गयी जबकि वो काफी बुजुर्ग व्यक्ति है....देश मे संस्कारो का गिरता यह ग्राफ चीख चीख कर कह रहा है यह सब टी.वी डिबेट का ही ज़रिया है जिसके माध्यम से नफरत ही नफरत फैल रही है हमारे नोजवान दंगाई बन रहे है वो वक़्त भी दूर नहीं जब यही नोजवान अपने माँ-बाप, दादा, दादी पर भी धौंस जमाएंगे और उनपर पर हमला करेंगे अंततः मानवता का हनन ही होगा.....
अकरम हुसैन क़ादरी

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपने सौ फीसद सच बात कही। ये लोग पैसे और सत्ता के लालच में कुछ भी करवा सकते हैं। निहायत ही बुरे दौर में पहुंच गया है हमारा मुल्क। शर्म आनी चाहिए इन मक्कारों को।

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