देश का सबसे बड़ा अराजनैतिक छात्र संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन एएमयू यूनिट ने आज देश के विभिन्न कोने से पढ़ने आये छात्र छात्राओं का फ्रेशर मीट के जरिये उनका यूनिवर्सिटी में स्वागत किया, मौलाना नोमान अज़हरी ने छात्रों को यूनिवर्सिटी की रिवायत के बारे में बताया और किस प्रकार से आपको पढ़ाई करना है और किस प्रकार समाज को बदलने के लिए सूफिज्म की इंसानियतपसंद विचारधारा के माध्यम से देश-दुनियाँ को मानवता का पाठ पढ़ाया जा सकता है जिससे समाज मे फैली अनेक कुरीतियों, रूढ़ियों का पर्दाफाश किया जा सके । एम. एस. ओ. यूनिट के सदर मौलाना हैदर मिस्बाही ने नए छात्राओं का स्वागत करते हुए उनको संबोधित किया और बताया कि आने वाले दिनों में एएमयू यूनिट किस तरह से छात्र हितों के लिए काम करेगी जिसमे उनका आधार सूफी विचारधारा ही होगा ।
अंत मे एम.एस.ओ के संस्थापक सदस्यों में शामिल करमफ़रमा डॉ. अहमद मुज्तबा सिद्दीक़ी क़ादरी बरकाती ने देश दुनियाँ में फैल चुकी एम.एस.ओ के बारे में बताया कि सूफी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने किन-किन दुश्वारियों का सामना किया, लेकिन कभी भी सूफिज्म की रूह से समझौता नहीं किया बल्कि यूनिवर्सिटी के फ़लाह के लिए हमेशा तत्तपर रही है और देश को तसव्वुफ़ की विचारधारा से जोड़ने का सार्थक प्रयत्न किया है जितनी भी देश मे देशद्रोही विचारधाराएं चल रही है जो वतन को तोड़ने का लगातार कुकृत्य कर रही है उनकी कड़े शब्दों में हम निंदा करते है और देशभक्ति के सम्बंध में पैगंबर मोहम्मद साहब की मशहूर हदीस का बखान किया है जो मानवता से कहती है "अपने वतन से मोहब्बत करना आधा ईमान है" अर्थात बताने का यह प्रयत्न कर रहे है जो लोग आज अल्पसंख्यकों को देशद्रोही साबित करने के लिए अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहते है वो जंगे आज़ादी के शुरुआती दिनों को याद करे कि किस तरह से दिल्ली में लाहौर तक हिंदुस्तान के देशभक्त मौलानाओं की लाशें पेड़ो पर टंगी थी जिन्होंने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ फतवा दिया था, लेकिन अफसोस आज उनके ही देश के लोग उनको देशद्रोही करने पर तुले हुए है जो सामाजिक सौहार्द के लिए अच्छा नही है, हमें मानवता को बचाने के लिए आज पूरी दुनियां में सूफिज्म को फैलाना होगा जिससे देश-दुनियाँ ही नही बल्कि पूरी मानवता को बचाया जा सके इस कार्यक्रम में मौजूदा एम.एस.ओ के नायब सदर नदीम अली, अदनान ज़फर और पूर्व सदर जावेद मिस्बाही, नायब सदर मौलाना कैफ, सय्यद कमरुल इस्लाम, हस्सान अलीमी, फ़ज़ल इलाही,मुसाब इल्मी, हिंदी मीडिया प्रभारी मोहम्मद आसिफ साबरी तथा अकरम हुसैन क़ादरी अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे
अंत मे एम.एस.ओ के संस्थापक सदस्यों में शामिल करमफ़रमा डॉ. अहमद मुज्तबा सिद्दीक़ी क़ादरी बरकाती ने देश दुनियाँ में फैल चुकी एम.एस.ओ के बारे में बताया कि सूफी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने किन-किन दुश्वारियों का सामना किया, लेकिन कभी भी सूफिज्म की रूह से समझौता नहीं किया बल्कि यूनिवर्सिटी के फ़लाह के लिए हमेशा तत्तपर रही है और देश को तसव्वुफ़ की विचारधारा से जोड़ने का सार्थक प्रयत्न किया है जितनी भी देश मे देशद्रोही विचारधाराएं चल रही है जो वतन को तोड़ने का लगातार कुकृत्य कर रही है उनकी कड़े शब्दों में हम निंदा करते है और देशभक्ति के सम्बंध में पैगंबर मोहम्मद साहब की मशहूर हदीस का बखान किया है जो मानवता से कहती है "अपने वतन से मोहब्बत करना आधा ईमान है" अर्थात बताने का यह प्रयत्न कर रहे है जो लोग आज अल्पसंख्यकों को देशद्रोही साबित करने के लिए अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करना चाहते है वो जंगे आज़ादी के शुरुआती दिनों को याद करे कि किस तरह से दिल्ली में लाहौर तक हिंदुस्तान के देशभक्त मौलानाओं की लाशें पेड़ो पर टंगी थी जिन्होंने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ फतवा दिया था, लेकिन अफसोस आज उनके ही देश के लोग उनको देशद्रोही करने पर तुले हुए है जो सामाजिक सौहार्द के लिए अच्छा नही है, हमें मानवता को बचाने के लिए आज पूरी दुनियां में सूफिज्म को फैलाना होगा जिससे देश-दुनियाँ ही नही बल्कि पूरी मानवता को बचाया जा सके इस कार्यक्रम में मौजूदा एम.एस.ओ के नायब सदर नदीम अली, अदनान ज़फर और पूर्व सदर जावेद मिस्बाही, नायब सदर मौलाना कैफ, सय्यद कमरुल इस्लाम, हस्सान अलीमी, फ़ज़ल इलाही,मुसाब इल्मी, हिंदी मीडिया प्रभारी मोहम्मद आसिफ साबरी तथा अकरम हुसैन क़ादरी अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे
MashaAllah
जवाब देंहटाएंQabil e Tareef Bhai