रविवार, 12 अप्रैल 2020

कोरोना के गणित को समझो वरना लाशों का तहखाना बन जायेगा देश- अकरम क़ादरी



कोरोना महामारी को आखिर कैसे समझें- अकरम क़ादरी
देश-दुनिया में अनेक महामारी आई और कुछ समय बाद उनके वैक्सीन भी आये है जिससे ऐसी वबा से निजात मिली है। ऐसी ही एक  महामारी पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुकी है यह इतनी ख़तरनाक़ बीमारी है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में सांस, हाथ मिलाने और उसके सम्पर्क में आने के बाद जकड़ लेती है जिससे बचने के लिए डॉक्टर बार-बार विनती कर रहे है कि किसी भी जगह पर बेमतलब खड़े ना हो एकदूसरे से 6 मीटर की दूरी बनाए रखो। 
दरअसल इस बीमारी को समझने के लिए एक उदाहरण पेश करता हूँ फिर आप इसको आसानी से समझ सकते हो.....गांव, देहात में दरबे में मुर्गियां बन्द होती है कुछ दिन बाद बीमारी के कारण सुबह में एक मुर्गी उघने लगती है तो दोपहर में दूसरी मुर्गी उघने लगती है फिर शाम को एक मुर्गी मरती है फिर दूसरी मरती है ऐसे ही सिलसिला जारी रहता है फिर वो मुर्गियां जितनी भी गांव, देहात की मुर्गियों के सम्पर्क में आती है वो भी मरती रहती है इस प्रकार पूरे गाँव, कस्बे, जिले और प्रदेश फिर देश को भी अपनी चपेट में ले लेती है। 
इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय सरकार और राज्य सरकारों ने लॉक डाउन का फैसला लिया है जिसका मतलब है देश को ट्रिलियन रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है जिससे इस कोविड 19 की चैन को तोड़ा जा सके और लोगो को बचाया जा सके वरना देश-विदेश की सरकारें क्यों इतना जोखिम लेकर खरबो का नुकसान करती। हमारे विकासशील देश मे ही अब तक हज़ारों खरबो का नुकसान हो चुका है जिस ट्रेन के पहिये को देश का विभाजन नहीं रोक पाया उसको इस महामारी ने रोक दिया तो ज़रा समझिए यह कितनी खतरनाक और विस्फोटक बीमारी होगी। 
साइंस के स्टूडेंट ने दसवीं या बाहरवीं में नाभकीय विखंडन पड़ा होगा जिससे 1 से 3, 3 से 27, 27 से 81..... मॉलिक्यूल निकलते थे जोकि अणुबम का एक मॉडल है। 
ठीक इसी प्रकार यह इससे भी ज्यादा भयानक बीमारी है जो हाथ मिलाने से छीकने, हाथ से पकड़े नल, हैंडल और अनेक प्रकार से सभी को संक्रमित करती हुई चलती है। जिसका सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों को होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम ज्यादा मजबूत नहीं होता है फेफड़े कमज़ोर होते है इसलिए उनको बचाने में ज्यादा दिक्कत होती है। इसलिए इस भयानक बीमारी से बचने के लिए हमें भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के द्वारा जारी एडवाइजरी का पूरी तरह पालन कर स्वयं को, रिश्तेदारों को, मोहल्ले, गांव, कस्बे, जिले, प्रदेश और देश को बचाये जिससे मानवता बच जाएगी। 
इस दरमियान जो अमीर लोग है वो देश के गरीबो को भी भुखमरी से बचाये क्योंकि यहीं वो लोग है जो आपको और हमको धनवान बनाते है। दूसरा हमारा यह फ़र्ज़ भी है कहीं पर भी हो इंसानियत को बचाया जाए, चाहे वो हिन्दू हो मुसलमान,सिक्ख, ईसाई या कोई भी 
सभी भेदभाव भुलाकर भारत होकर सोचो देश को बचाओ। 
दूसरी बात रहा सवाल इन सरकारों का तो एक समय बाद इनकी नीतियों का भी विरोध वक़्त रहते हो जाएगा। लेकिन होगा तभी जब हम और आप ज़िंदा रहेंगे। 
सरकारों के पास पर्याप्त साधन नहीं है इसलिए जिससे जो मदद हो सके वो खुद दुसरो की मदद करे.....आपको मालूम होगा ही दुनिया की टॉप क्लास की स्वास्थ्य सेवाओं वाले देश भी इस भयंकर महामारी से हार मान चुके है दुनिया मे नम्बर की स्वास्थ्य सेवा वाला देश खून के आंसू रो रहा है उसके नागरिक मर रहे है और वो मजबूर है कुछ कर नहीं सकता .....वर्तमान में यहीं स्थिति अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश की हो चुकी है इसलिए हमें सोचना चाहिए हम विकासशील देशों की लिस्ट में आते है स्वास्थ्य सेवाएं क्या है आप सब लोग बेहतर समझते है इसलिए इस महामारी से सावधानी ही बचाव है...भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ना जाये घर रहे और स्वस्थ्य रहे....
मुझे लगता है जिस प्रकार से हम प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे है अब प्रकृति हमे वापस कर रही है इसलिए हमें प्रकृति प्रेमी बनना चाहिए
जय हिंद

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